1 प्रणाम आसन – Prayer pose Surya Namaskar In Hindi
ध्यान ‘आज्ञा चक्र’ पर केंद्रित करें।
2 हस्तउत्तानासन – Raised Arm Pose Surya Namaskar In Hindi
3 हस्तपाद आसन – Hand to Foot Pose Surya Namaskar In Hindi
4 अश्व संचालन आसन Equestrian Pose Surya Namaskar In Hindi
इसी स्थिति में श्वांस को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें। ध्यान को ‘स्वाधिष्ठान’ अथवा ‘विशुद्घि चक्र’ पर ले जाएं। मुखाकृति सामान्य रखें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? सुनिश्चित करें कि बायां पैर दोनों हथेलिओं के बीच में रहे
5 दंडासन – Stick Pose Surya Namaskar In Hindi
श्वास लेते हुए बाएँ पैर को पीछे ले जाएँ और संपूर्ण शरीर को सीधी रेखा में रखें।
ध्यान ‘सहस्रार चक्र’ पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? अपने हाथ ज़मीन के लंबवत रखें।
6 अष्टांग नमस्कार –
आराम से दोनों घुटने ज़मीन पर लाएँ और श्वास छोडें। अपने कूल्हों को पीछे उपर की ओर उठाएँ I पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएँI अपनी छाती और ठुड्डी को ज़मीन से छुएँ।
श्वांस छोड़ दें। ध्यान को ‘अनाहत चक्र’ पर टिका दें। श्वास की गति सामान्य करें।
अपने कुल्हों को थोड़ा उठा कर ही रखेंI अब दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी (शरीर के आठ अंग) ज़मीन को छूते हुए होंगे।
7 भुजंग आसन – Cobra Pose
आगे की ओर सरकते हुए, भुजंगासन में छाती को उठाएँI कुहनियाँ (Elbow) मुड़ी रह सकती हैं। कंधे कानों से दूर और दृष्टि ऊपर की ओर रखें।
मूलाधार को खींचकर वहीं ध्यान को टिका दें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ?
श्वास लेते हुए छाती को आगे की तरफ धकेलने का सौम्य प्रयास करें। श्वास छोड़ते हुए नाभि को सहजता से नीचे की ओर दबाएँI पैरों की उंगलियों को भी नीचे की तरफ दबाएँ। यह सुनिश्चित करें कि जितना कर सकते हैं उतना ही करें, अपने साथ ज़बरदस्ती ना करें।
8 पर्वत आसन – Mountain Pose
श्वास छोड़ते हुए कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाएँ, छाती को नीचे झुकाकर एक उल्टे वी (˄) के आकार में आ जाएँ।
ध्यान ‘सहस्रार चक्र’ पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? यदि संभव हो तो एड़ियों को ज़मीन पर ही रखें और रीढ़ के निचले भाग को ऊपर उठाने का प्रयास करें। खिंचाव को गहराई से अनुभव करें।
9 अश्वसंचालन आसन
श्वास लेते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएँ, बाएँ घुटने को ज़मीन पर रख सकते हैं। दृष्टि ऊपर की ओर रखेंI
ध्यान को ‘स्वाधिष्ठान’ अथवा ‘विशुद्घि चक्र’ पर ले जाएं। मुखाकृति सामान्य रखें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ?
दाहिने पंजे को दोनो हाथों के बीच में रखें और दाहिनी पिंडली को ज़मीन के लंबवत रखेंI कूल्हों को नीचे की तरफ ले जाने का प्रयास करें ताकि खिंचाव को गहराता हुआ अनुभव किया जा सके।
10 हस्तपाद आसन
श्वास छोड़ते हुए बाएँ पैर को आगे लाएँ, हथेलियों को ज़मीन पर ही रहने दें। अगर ज़रूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं।
माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे ‘मणिपूरक चक्र’ पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ? धीरे से घुटनों को सीधा करें और अगर संभव हो तो अपनी नाक से घुटनों को छूने का प्रयास करें, और श्वास लेते रहें।
11 हस्तउत्थान आसन
श्वास लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे ऊपर लाएँ, हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएँ, कुल्हों को आगे की तरफ धकेलें।
ध्यान को गर्दन के पीछे ‘विशुद्धि चक्र’ पर केन्द्रित करें।
इस योग आसन को और प्रभावी कैसे बनाएँ?
सुनिश्चित करें कि कान बाजू से सटे हों और खिंचाव ऊपर की ओर हो, न कि पीछे की ओर।
12 ताड़ासन
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